श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की महिमा
श्री गुरुग्रंथ साहिब में पूर्ण संत, पूर्ण ब्रह्मज्ञानी व गुरमुख के आध्यात्मिक पद की अद्भुत प्रशंसा की गई है।
बाबा नंद सिंह जी महाराज भी एक संत, सच्चे ब्रह्म ज्ञानी तथा सच्चे गुरमुख वेश में विद्यमान रहे। उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की सच्ची शान की महिमा का व्याख्यान किया।
उन्होंने श्री गुरु नानक साहिब को जीवित, शाश्वत, परम यथार्थ, पवित्रता एवं सत्य घोषित किया। अपने रहस्यमय किंतु प्रत्यक्ष अनुभव के आधार पर उन्होंने निःसंदेह रूप में प्रमाणित किया कि कोई भी सतगुरु श्री गुरु नानक जी की साक्षात सेवा कर सकता है और उनसे वार्तालाप कर सकता है।
जिन भी महान् भक्तों की वाणी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में उपस्थित है, उन्होंने इस अनोखी रहस्यमयी प्राप्ति को प्रमाणित किया है। अगर नामदेव व धन्ना भक्त जैसे अध्यात्मवादी, पत्थर से प्रभु को प्रत्यक्ष उपस्थित करने में सफल हो सकते हैं तो क्या श्री गुरु ग्रंथ साहिब से उस प्रभु के साकार रूप के दर्शन करना कोई कठिन बात है, जिस में गुरु साहिब जी ने अपनी सम्पूर्ण दिव्य शक्तियों का स्वयं समावेश किया हुआ है? बाब नंद सिंह जी महाराज श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की महिमा में कहा करते थे-
बाबा नंद सिंह जी महाराज का सम्पूर्ण जीवन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की महिमा स्थापित करने के लिए समर्पित था। जब प्रत्येक वर्ष अगस्त माह के अन्तिम सप्ताह में बाबा जी के पवित्र समागम के समय हम नानकसर में सम्पन्न होने वाले श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी सैंकड़ों अखण्ड पाठों के एक साथ दर्शन करते हैं तो हमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की इलाही शान तथा उपस्थिति का अनुभव होता है। ये ही नंद सिंह जी महाराज की इलाही शान के दर्शन हैं।