पक्षियों से प्यार
My sister had been saved and granted a long fresh lease of life (by Mahan Babaji). From that very day, she was blessed by Baba Ji with most wonderful and enlightening mystic visions and spiritual experiences.
सैकड़ों पक्षी उनके साथ नाश्ता किया करते थे। वे बड़े प्यार और दुलार से चिड़ियों, कबूतरों, गिलहरियों को स्वयं खिलाते थे। पक्षी भी उनके बाहर आने का बेसब्री से इन्तज़ार किया करते थे। वे उनकी भोजन वाली मेज़ पर अपना दाना चुगने के लिए बैठ जाया करते थे। उनमें से बहुत सारे खाने के लिए उनके कंधों पर बैठ जाते थे। लगभग हर सुबह यह दृश्य होता था। गिलहरियां उनकी हथेली से दाना चुगती थीं और फिर खुशी से उनके इर्द-गिर्द फुदकती रहती थीं।