श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी- अनन्त मुक्ति-दाता
Whereas for others Sri Guru Granth Sahib represents a mere holy scripture, for Baba Nand Singh Ji Maharaj, Sri Guru Granth Sahib stands for the all powerful, luminous, omni-present God.
प्रेम व दया के स्वामी श्री गुरु नानक देव जी ने सन् 1469 ई. से सन् 1708 तक 240 वर्ष तक दैहिक रूप में इस पृथ्वी को उपकृत किया तथा आने वाली पीढ़ियों का उद्धार करने के लिए अपनी प्रज्वलित ज्योति को श्री गुरु ग्रंथ साहिब में रूपांतरित किया था।
बाबा नंद सिंह जी महाराज ने हमें पूर्णता का एक स्पृहणीय आदर्श प्रदान किया। उन्होंने अपनी निराली जीवन-रीति द्वारा यह प्रेरणा दी है कि जो उपदेश पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में दिया गया है, उसका श्रद्धा, भावना व विनम्रता के साथ अनुसरण करना चाहिए। गुरुवाणी के उपदेशों का अपने जीवन में वास्तविक रूप में अभ्यास करना चाहिए। बाबा नंद सिंह जी महाराज की कथनी व करनी में पूर्ण एकता थी।
बाबा जी ने पूरी उत्कंठा के साथ अध्यात्म-सागर में असीमित डुबकियाँ लगाई थीं। उन्होंने अपनी पूरी व आत्मिक शक्ति परम उद्देश्य की प्राप्ति हेतु लगाई थी। उनकी यह दृढ़ धारणा थी कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी प्रत्यक्ष प्रभु हैं। उनके भीतर प्रभु को समक्ष देखने की प्रबल इच्छा थी। वह अपने प्रभु प्रीतम के साथ गहरी बातें करने व अपने हाथों से उसकी सेवा करने की चाह रखते थे।
प्रभु ने बाबा नंद सिंह जी महाराज को अपनी सम्पूर्ण दिव्यता का साक्षात्कार कराया था। इसलिए बाबा नंद सिंह जी महाराज के हृदय में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के लिए बहुत ऊँचा, पवित्र व महान् स्थान था। कुछ लोग श्री गुरु ग्रंथ सहिब जी को एक धार्मिक ग्रंथ मात्रा मानते हैं, परन्तु बाबा नंद सिंह जी महाराज श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को सर्वसमर्थ, जाग्रत ज्योति व प्रत्यक्ष गुरु नानक साहिब मानते थे।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास करते समय बाबा जी कहा करते थे-
साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज,
हाज़रा हजूर, ज़ाहरा ज़हूर,
कलयुग के बोहिथ, नाम के जहाज़
हलत पलत के रख्यक,
लोक परलोक के सहायक
दसों पातसाहियों की हाज़र नाज़र जागद जोत,
साहिब जी दे पाठ दर्शन दा ध्यान घर के
बोलो जी श्री वाहेगुरु।
सगल स्रिस्टि लगि बितरहु॥
इस जहाज़ की विशालता तथा सामथ्र्य का अनुमान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रत्येक शब्द की शक्ति से लगाया जा सकता है। यह जहाज़ सम्पूर्ण मानव जाति को, पीढ़ी दर पीढ़ी व भविष्य काल में भव सागर से पार करवा सकता है। यह जहाज़ सारी सृष्टि की मुक्ति के लिए बनाया गया है। इस को एक प्राणी, धर्म, समाज या कौम का समझ कर सीमित नहीं करना चाहिए। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के हर एक शब्द से नाम के अमृत की वर्षा हो रही है। गुरु नानक साहिब द्वारा प्रभु की स्तुति में गाये प्रत्येक शब्द में अमृत घुला हुआ है।