नामी और नाम
नामी और नाम
पवित्र नाम के ‘सिमरन’ का अर्थ है- सतगुरु को पुकारना। जब यह नाम-सिमरन होकर स्वार्थों और कामनाओं से ऊपर उठ जाता है तथा मानसिक आनन्द लहरियों में प्रवेश करता है तो पवित्र विचारों का प्रवाह बिना किसी अवरोध के नामी के पवित्र चरणों की ओर उन्मुख हो जाता है। इसके परिणाम-स्वरूप वह स्वयं ही अपनी भुजाओं को फैलाए, अपने सेवक को अपने दिव्य आलिंगन में ले लेने की तीव्रता के साथ आगे बढ़ता है। यह नाम सिमरन, प्रेमाभक्ति और प्रभु-प्रेम का जादू है।
नामी नाम के पीछे भागा हुआ आता है।
-बाबा नंद सिंह जी महाराज